बीते लम्हों को याद कर , होंठों पर मुस्कान तो आती है ,
पर यह तो बताओ उन यादों से , यह आखें क्यों भर आती हैं ।
वो पल जो बिताये साथ साथ , गुदगुदा तो देते हैं ,
पर वही पल , आँचल भी क्यों भिगो देते हैं।
बहुतों से मिले , बहुतों से मिलते हैं,
पर हर किसी में तुमको ही क्यों ढूंढते हैं ।
तुमको आज भी मुझे समझाने के लिए ढूंढती हूँ,
पर फ़िर खामोशियों से ही समझ लेती हूँ।
मिलने के वादे तो हज़ार होंगे ,
पर जब तक हम हैं आप मेरी यादों में होंगे.....